नाना पाटेकर, भारतीय सिनेमा (Bollywood) के बहुत ही खास अभिनेता, लेखक और निर्देशक हैं। इनका जन्म 1 जनवरी 1951 को मुरुद-जंजीरा, मुंबई के पास महाराष्ट्र में हुआ था।प्रारंभिक जीवन और शिक्षा:
नाना पाटेकर एक साधारण मराठी परिवार में जन्मे। उन्होंने अपनी शिक्षा सर जे.जे. इंस्टिट्यूट ऑफ अप्लाइड आर्ट, मुंबई से पूरी की थी। उनका परिवार बहुत सारी परेहानियों और गरीबी से गुज़र रहा था इसी लिए उन्हें अपने परिवार के लिए काम करना पड़ा, वो मेहनत करने वाले और हालत का सामना करने वाले इंसान हैं।
करियर की शुरुआत ऐसे हुई थी।
नाना पाटेकर ने थिएटर से अपने करियर की शुरुआत की थी उसके बाद उन्होंने मराठी और हिंदी फिल्मों में काम करना शुरू किया। नाना पाटेकर की पहली फिल्म "गमन" साल(1978) में आई थी। लेकिन इंडस्ट्री में उन्हें फिल्म 'परिंदा' से नोटिस किया गया जिसमें उन्होंने खलनायक की भूमिका अदा की थी। उन्हें उनकी अनूठी अदाकारी और और ज़बरदस्त डायलॉग के लिए जाना जाता है।
नाना पाटेकर की प्रमुख फिल्में इस प्रकार हैं:
• "परिंदा" साल 1989: इस फिल्म में उनके किरदार "अन्ना" ने उन्हें लोगों के बीच एक खास पहचान दिलाई और उन्हें सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिला था।
• "क्रांतिवीर" साल 1994: इस फिल्म में उनके दमदार प्रदर्शन ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार दिलाया था।
• "अपहरण" 2005: इस फिल्म में उनके अभिनय की सराहना हुई और उन्होंने कई पुरस्कार जीते थे।
• "वेलकम" साल 2007: अपनी इस कॉमेडी फिल्म में उन्होंने अपने कॉमेडी किरदार से लोगों को खूब हंसाया था। इनके अलावा नाना पाटेकर ने और भी हिट और यादगार फिल्मों में काम किया है जैसे की...खामोशी, यशवंत, अब तक छप्पन, अपहरण, राजनीति उनकी प्रमुख फिल्मों में शामिल हैं।
अन्य योगदान इस प्रकार है:
नाना पाटेकर ने निर्देशन ( Direction) में भी हाथ आजमाया है। उन्होंने फिल्म "प्रहार" साल 1991 को डायरेक्ट किया है। नाना पाटेकर सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय हैं और किसानों की सहायता के लिए उन्होंने अपने संगठन "नाम फाउंडेशन" की स्थापना की है, जिसके माध्यम से वो किसानों की सहायता करते हैं।
नाना पाटेकर काव्यक्तिगत जीवन ऐसा है:
नाना पाटेकर की पत्नी का नाम नीलकांति पाटेकर है, पारिवारिक मुद्दों के कारण इनका तलाक हो चुका है। नाना पाटेकर का एक बेटा है जिसका नाम मल्हार पाटेकर है। वे अपने साधारण और अनुशासित जीवनशैली के लिए जाने जाते हैं। नाना पाटेकर की जीवनी उनके संघर्ष, समर्पण और ज़बरदस्त अभिनय का प्रतीक है, जो उन्हें भारतीय सिनेमा के महानतम अभिनेताओं में से एक बनाती है।
इन सब के बावजूद नाना पाटेकर भीड़ भाड़ से दूर रहना पसंद करते हैं, वो मीडिया में भी कम नज़र आते हैं। शायद उन्हें बाकी कलाकारों की तरह हर समय चर्चा में रहना पसंद नहीं है।
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