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बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख़ हसीना की जीवनी, Biography of Shaikh Hasina

बांग्लादेश अवामी लीग की महिला नेता शेख़ हसीना। बंगला देश की पूर्व प्रधानमंत्री, "शेख़ हसीना" महान स्वाधीनता संग्राम के प्रधान नेता तथा बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति राष्ट्रीय जनक "शेख मुजीबुर्रहमान" की बेटी हैं।
शेख़ हसीना बांग्लादेश की जीवनी, jivni.in

हाल ही में बांग्लादेश में जनता के विद्रोह के बाद उन्होंने 05 अगस्त 2024 को अपना इस्तीफा दे दिया और देश छोड़ कर दूसरे देश में शरण लेने निकल गयी।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा: शेख़ हसीना का जन्म टुंगीपाड़ा, पूर्व बंगाल, (Dominion of Pakistan) आज के समय बंगलादेश में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा ढाका से की, बाद बांग्लादेश विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की।

राजनीतिक करियर: शेख़ हसीना का राजनीतिक करियर उनके पिता की हत्या के बाद से ही शुरू हुआ था। उन्होंने पहली बार साल 1981 में "बांग्लादेश अवामी लीग" की कमान संभाली। साल 1996 में पहली बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री बनीं, बीच के कुछ साल उन्हे विपक्ष में रहना पड़ा और फिर 2009 से लगातार वो बंगलादेश की प्रधानमंत्री बनी रही हैं।

•  बंगलादेश की प्रधानमंत्री बनने के बाद भी उनका जीवन आसान नही रहा है, विपक्ष द्वारा लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं, एक बार अनवर जानलेवा हमला भी हुआ जिसमे वो बाल बाल बच गईं, लेकिन इस हमले में 20 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी।

•  इस समय बांग्लादेश में सेना का शासन है, शेख़ हसीना का तख्ता पलट हो चुका है, बांग्लादेश की आवाम सड़कों पर उतर चुकी हैं, इसे में शेख हसीना की जान को खतरा है, इस तरह का हादसा उन्होंने पहले भी झेला है जब साल 1975 में तख्ता पलट हुआ था जिसमे उनके माता पिता समेत उनके 3 भाइयों को भी मार दिया गया था।

शेख़ हसीना की प्रमुख उपलब्धियाँ इस प्रकार हैं:

गरीबी उन्मूलन: उनकी सरकार ने गरीबी उन्मूलन के लिए कई योजनाएं शुरू कीं थी, और जिनपर कार्य भी किया गया, बंगलादेश की गरीब जनता को कुछ हद तक इसका फायदा भी हुआ।

महिला सशक्तिकरण: शेख़ हसीना ने महिला सशक्तिकरण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, आज हम देख सकते हैं की पाकिस्तानी महिलाओं के मुकाबले बांग्लादेशी महिलाएं ज़्यादा सक्षम हैं, पाकिस्तान द्वारा प्रताड़ित किए जाने के बाद भी आज बंगलादेश की महिआएं हर मुकाम पर पाकिस्तानी महिलाओं से आगे निकलती दिखाई पड़ती हैं।

इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास: उनके शासनकाल में बांग्लादेश में महत्वपूर्ण इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएँ  भी पूरी हुई हैं, जिनमें पद्मा ब्रिज परियोजना सबसे प्रमुख है।

आज पूरा बंगला देश मुश्किलों का सामना कर रहा है शेख़ हसीना को देश छोड़ कर दूसरे देश में सहारा लेना पड़ रहा है।

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