नीरज चोपड़ा जी का जन्म 24 दिसंबर 1997 को हरियाणा के पानीपत के एक छोटे से गाँव खांद्रा में एक किसान रोड़ समुदाय में हुआ था। नीरज के परिवार में इनके पिता "सतीश कुमार" पेशे से एक छोटे किसान हैं और इनकी माता "सरोज देवी" एक गृहणी (HouseWife) है।
• यह ट्रैक और फील्ड एथलीट प्रतिस्पर्धा में भाला फेंकने वाले भारतीय खिलाड़ी हैं। नीरज चोपड़ा ने 87.58 मीटर भाला फेंककर टोक्यो ओलंपिक 2020 में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा है और पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन किया है|
अभिनव बिंद्रा जी के बाद किसी विश्व चैम्पियनशिप (World Championship) स्तर पर एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक (Gold Medal) जीतने वाले वह पहले भारतीय खिलाड़ी हैं।
प्रारंभिक जीवन: जैवलिन थ्रो में नीरज की रुचि तब ही आ चुकी थी जब ये केवल 11 साल के थे, नीरज हमेशा पानीपत स्टेडियम में "जय चौधरी" को प्रैक्टिस करते हुए देखा करते थे।
नीरज चोपड़ा की शिक्षा: इन्होने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई हरियाणा' से ही की है। अपनी प्रारंभिक पढ़ाई को पूरा करने के बाद नीरज चोपड़ा ने बीबीए कॉलेज ज्वाइन किया था और वहां से उन्होंने ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की थी।
खेल और करियर: नीरज चोपड़ा अपने खेल के माध्यम से राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। नीरज चोपड़ा के कोच का नाम "उवे" हैं जो कि जर्मनी देश के पेशेवर जैवलिन एथलीट रह चुके हैं। इनसे ट्रेनिंग लेने के बाद ही नीरज चोपड़ा इतना अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. हर अच्छे खिलाड़ी के पिछे एक अच्छे कोच का सबसे बड़ा योगदान होता है।
• सबसे खास बात नीरज एक एथलीट होने के साथ-साथ "भारतीय सैना" में सूबेदार पद पर भी तैनात हैं और सेना में रहते हुए ही अपने बेहतरीन प्रदर्शन के बदौलत इन्हे सेना में विशिस्ट सेवा मैडल से भी सम्मानित किया जा चूका है।
नीराज चोपड़ा का खेल जीवन:पोलैंड के बायडगोसज्च्ज़, में आयोजित साल 2016 आइएएएफ U20 विश्व चैंपियनशिप में उन्होंने बहुत ज़बरदस्त खेल का प्रदर्शन किया साथ ही पदक भी हासिल किया। इस पदक के साथ ही उन्होंने एक विश्व जूनियर रिकॉर्ड भी बनाया है।
•. इसके बाद साल 2021 में टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीत कर 2016 के दक्षिण एशियाई खेलों में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय रिकॉर्ड की बराबरी करते हुए 82.23 मीटर तक भाला फेंक कर स्वर्ण पदक हासिल कर लिया। • ऐसे प्रदर्शन के बावजूद भी वे 2016 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में स्थान पाने में वह विफल रहे थे क्योंकि Qualified होने की आखरी तारीख 11 जुलाई थी। Us समय वो भारतीय सेना के राजस्थान राइफल्स में अपनी ड्यूटी निभा रहे थे।
• नीरज ने साल 2017 में 85.23 मीटर की दूरी पर भाला फेंककर एशियाई एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता है।
• साल 2018 में ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में सम्पन्न हुए राष्ट्रमण्डल खेलों में उन्होंने 86.47 मीटर भाला फेंककर स्पर्धा का स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
• साल 2022 जून में नीरज चोपड़ा ने फिनलैंड में पावो नुरमी गेम्स में अपना ही नेशनल रिकॉर्ड तोड़ दिया था, उन्होंने यहां पर 89.30 मीटर की दूरी तक भाला फेंका और अपने ही ओलंपिक वाले रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया था। और साल 2022 के जून में ही फिनलैंड में कुओर्ताने गेम्स में नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल जीता था। नीरज चोपड़ा ने यहां पर रिकॉर्ड 86.69 मीटर दूरी तक भाला फेंका था।
• साल 2022 जुलाई में अमेरिका के यूजीन में हो रहे वर्ल्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के फाइनल में नीरज चोपड़ा ने 88.13 मीटर दूर भाला फेंका और भारत को 19 साल बाद मेडल दिलाया था।
• साल 2022 सितंबर में ज्यूरिख में हुए डायमंड लीग के फाइनल्स में नीरज चोपड़ा ने 88.44 मीटर के अपने बेस्ट थ्रो के साथ खिताब जीता। डायमंड लीग का फाइनल जीतने वाले वह पहले भारतीय बने हैं। नीरज ने इससे पहले साल 2017 और 2018 में भी फाइनल के लिए क्वालिफाई किया था, जहां वह सातवें और चौथे स्थान पर रहे थे।
• पुरुषों की भाला फेंक में मौजूदा ओलंपिक और विश्व चैंपियन, नीरज चोपड़ा ने 88.88 मीटर का सीजन-सर्वश्रेष्ठ थ्रो करके खिताब जीता और एशियाई खेलों में अपनी लगातार दूसरी जीत हासिल की है।
पेरिस ओलंपिक में नीरज चोपड़ा का प्रदर्शन?
नीरज चोपड़ा पेरिस ओलंपिक 2024 की जैवलिन थ्रो में सिल्वर मेडल जीतकर लगातार दो ओलंपिक पदक जीतने वाले पहले भारतीय ट्रैक और फील्ड खिलाड़ी बन गए हैं. लेकिन इस मुकाबले में गोल्ड मेडल (Gold Medal) पाकिस्तान के अरशद नदीम ने जीत कर ओलंपिक में नया रिकॉर्ड कायम कर लिया है. इस खेल के बाद नीरज चोपड़ा की माता जी की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि जो गोल्ड मेडल ले गया है वो भी हमारा लड़का है. उनकी माता जी ने एक भारतीय नारी हो के साथ साथ, भारतीय सभ्यता और संस्कृति का भी परिचय दिया है।
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