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योगी आदित्यनाथ, उम्र, पत्नी, परिवार, राजनीति, विवाद, बायोग्राफी

एक भारतीय हिंदू साधु और साथ ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राजनीतिज्ञ हैं, योगी आदित्यनाथ मार्च 2017 से उत्तर प्रदेश के 21वें और वर्तमान (2024) मुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत हैं। उत्तर प्रदेश केबिटीहस में वह सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्यमंत्री हैं। इनसे पहले 5 साल से ज़्यादा समय तक मुख्यमंत्री बने रहने का श्रेय संपूर्णानंद जी को जाता है, संपूर्णानंद जी 6 साल तक मुख्यमंत्री रहे थे जिनको पिछे छोड़ कर उनसे ज़्यादा समय से अपना कार्यकाल चला रहे हैं। योगी आदित्यनाथ साल 2022 से उत्तर प्रदेश विधान सभा में गोरखपुर शहरी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहें हैं और 2017 से 2022 तक उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं। योगी आदित्यनाथ साल 1998 से 2017 तक उत्तर प्रदेश के गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र से पूर्व संसद सदस्य भी रह चुके हैं। विधानसभा के मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद उन्होंने विधान परिषद से इस्तीफा दे दिया था।
योगी आदित्यनाथ, उम्र, पत्नी, परिवार, राजनीति, विवाद, बायोग्राफी

पुराना नाम: अजय सिंह बिष्ट
जन्म: 5 जून 1972 
उम्र 52 साल (2024 तक)...
धार्मिक जीवन: संन्यासी
विवाह: हिन्दू धर्म के अनुसार सन्यासी विवाह नहीं करते।
राजनीतिक दल: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
राजनीतिक पद: मुख्यमंत्री (उत्तर प्रदेश)

योगी आदित्यनाथ की धार्मिक गतिविधियां:

योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में एक हिंदू मठ, "गोरखनाथ मठ" के महंत (मुख्य पुजारी) भी हैं, वह अपने आध्यात्मिक "पिता, महंत अवैद्यनाथ" की मृत्यु के बाद सितंबर 2014 से इस पद पर हैं। इसके साथ ही वह एक हिंदू राष्ट्रवादी संगठन "हिंदू युवा वाहिनी" के संस्थापक भी हैं। उनकी छवि एक हिंदुत्ववादी राष्ट्रवादी और एक सामाजिक रूढ़िवादी तौर पर देखी जाती है।

योगी आदित्यनाथ का प्रारंभिक जीवन:

5 जून 1972 को उत्तराखण्ड  के पौड़ी गढ़वाल जिले में स्थित यमकेश्वर तहसील के "पंचुर गाँव" के एक गढ़वाली क्षत्रिय परिवार में योगी आदित्यनाथ का जन्म हुआ था। योगी आदित्यनाथ के पिता का नाम "आनन्द सिंह बिष्ट" है जो एक फॉरेस्ट रेंजर थे, योगी आदित्यनाथ की मां का नाम "सावित्री देवी" है।
• इनकी माता-पिता से कुल सात बच्चें हुए। अपनी तीन बड़ी बहनों और एक बड़े भाई के बाद योगी आदित्यनाथ पांचवें संतान हैं इनसे और दो छोटे भाई हैं, कुल मिलाकर 3 बहने और 4 भाई हैं।
• इन्होंने साल 1977 में टिहरी के गजा के स्थानीय स्कूल में पढ़ाई शुरू की और साल  1987 में यहाँ से दसवीं की परीक्षा पास की थी। 
• सन् 1989 में ऋषिकेश के "श्री भरत मन्दिर इण्टर कॉलेज" से इन्होंने इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की थी। • • साल 1990 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई करते हुए ये अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े थे।
• साल 1992 में श्रीनगर के "हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय" से इन्होंने गणित में बीएससी की परीक्षा पास की थी। कोटद्वार में रहने के दौरान इनके कमरे से इनका सारा सामान चोरी हो गया था ऐसा बताया जाता है कि इस चोरी में इनके सनत प्रमाण पत्र भी चोरी हो गए थे। इस कारण से गोरखपुर से विज्ञान पोस्ट ग्रैजुएशन करने की इनकी कोशिश न कामयाब हो गई थी।
इसके बाद योगी आदित्यनाथ ने ऋषिकेश में एक बार फिर से विज्ञान पोस्ट ग्रैजुएशन पूरा करने के लिए प्रवेश तो लिया लेकिन राम मंदिर आंदोलन के प्रभाव से उनका ध्यान अन्य ओर बंट गया। 
• साल 1993 में गणित में एमएससी की पढ़ाई के दौरान गुरु गोरखनाथ पर शोध करने के लिए गोरखपुर आए एवं गोरखपुर में अपने चाचा "महंत अवैद्यनाथ" के शरण में ही चले गए और वहीं पर दीक्षा ले ली। 
• साल 1994 में ये पूरी तरह  संन्यासी बन गए थे, जिसके बाद इनका नाम अजय सिंह बिष्ट से योगी आदित्यनाथ हो गया है। इन सब से आगे चलते हुए 12 सितंबर 2014 को "गोरखनाथ मंदिर" के पूर्व महन्त "अवैद्यनाथ" के निधन के बाद इन्हें यहाँ का महंत बनाया गया था। 2 दिन बाद इन्हें नाथ पंथ के पारंपरिक अनुष्ठान के अनुसार मंदिर का पीठाधीश्वर बनाया गया था।
इसके बाद इन्होंने ऋषिकेश में पुनः विज्ञान स्नातकोत्तर में प्रवेश तो लिया लेकिन राम मंदिर आंदोलन का प्रभाव और प्रवेश को लेकर परेशानी से उनका ध्यान अन्य ओर बंट गया।  1993 में गणित में एमएससी की पढ़ाई के दौरान गुरु गोरखनाथ पर शोध करने ये गोरखपुर आए एवं गोरखपुर में अपने चाचा महंत अवैद्यनाथ के शरण में ही चले गए और दीक्षा ले ली। 1994 में ये पूर्ण संन्यासी बन गए, जिसके बाद इनका नाम अजय सिंह बिष्ट से योगी आदित्यनाथ हो गया।
• 12 सितंबर 2014 को गोरखनाथ मंदिर के पूर्व महन्त अवैद्यनाथ के निधन के बाद इन्हें यहाँ का महंत बनाया गया। 2 दिन बाद इन्हें नाथ पंथ के पारंपरिक अनुष्ठान के अनुसार मंदिर का पीठाधीश्वर बनाया गया।

योगी आदित्यनाथ का भारतीय जनता पार्टी से सम्बन्ध: 

इनके भारतीय जनता पार्टी के साथ रिश्ता एक दशक से भी पुराना है। यह पूर्वी उत्तर प्रदेश में अच्छा खासा प्रभाव रखते हैं। इससे पहले उनके पूर्वाधिकारी तथा गोरखनाथ मठ के पूर्व महन्त, "श्री महन्त अवैद्यनाथ" भी भारतीय जनता पार्टी से साल 1991 तथा 1996 का लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। इस कारण इनके भारतीय जनता पार्टी से बहुत पुराना रिश्ता रहा है।

योगी आदित्यनाथ, उम्र, पत्नी, परिवार, राजनीति, विवाद, बायोग्राफी

योगी आदित्यनाथ का राजनैतिक जीवन:

साल 1998 में योगी आदित्यनाथ पहली बार गोरखपुर से भाजपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़े थे और जीत हासिल किए थे। तब इनकी उम्र केवल 26 साल की थी
योगी आदित्यनाथ बारहवीं लोक सभा (1998-99) के सबसे युवा सांसद बने थे। साल 1999 में ये गोरखपुर से फिर एक बार सांसद चुने गए थे।
साल 2004 में योगी आदित्यनाथ तीसरी बार लोकसभा का चुनाव जीता है। 
साल 2009 में इन्होंने 2 लाख से ज्यादा वोटों से जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। 
2014 में पांचवी बार फिर से दो लाख से ज्यादा वोटों से जीतकर ये सांसद चुने गए थे। 
2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को बहुमत मिली थी, इसके बाद उत्तर प्रदेश में 12 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए थे। इसमें योगी आदित्यनाथ से काफी प्रचार कराया गया था, लेकिन परिणाम उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा था। 
उत्तर प्रदेश में उनकी लोकप्रियता को देखते हुए साल 2017 में विधानसभा चुनाव में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने योगी आदित्यनाथ से पूरे राज्य में प्रचार कराया। इन्हें एक हेलीकॉप्टर भी दिया गया था।

इन सब के बाद 19 मार्च 2017 में उत्तर प्रदेश के बीजेपी विधायक दल की बैठक में योगी आदित्यनाथ को विधायक दल का नेता चुनकर मुख्यमंत्री पद सौंपा गया था। 
मुख्यमंत्री निर्वाचन: योगी आदित्यनाथ ने रविवार, 19 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। शपथ समारोह लखनऊ के कांशीराम स्मृति उपवन में हुआ था। इनके साथ दो उप-मुख्यमंत्री भी बनाये गए थे। ऐसा पहली बार हुआ था कि उत्तर प्रदेश के राजनीतिक इतिहास में पहली बार दो उप-मुख्यमंत्री बने थे। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी के तत्कालीन अध्यक्ष अमित शाह और पार्टी के कई वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए थे। मंच पर विपक्षी पार्टी के नेता अखिलेश यादव और मुलायम सिंह भी मौजूद रहे थे।

विवाद: योगी आदित्यनाथ का जीवन कई सारे विवादों से जुड़ा रहा है, इन्हें एक कट्टर हिंदूवादी के तौर पर देखा जाता है, इसी वजह से कई बार इनके बयानों से हिंदू और मुसलमानो में भेदभाव जैसी स्थिति उत्पन हो जाती रही है। इन सब के बावजूद भी उत्तर प्रदेश के कई मुसलमान योगी आदित्यनाथ को वोट देते हैं। 
योगी आदित्यनाथ का समर्थन करने वाले लोगों का प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के समर्थकों से भी विवाद छिड़ा रहता है, सोशल मीडिया पर कई बार देखा गया है कि योगी आदित्यनाथ के समर्थक इनको नरेंद्र मोदी से भी ज़्यादा काबिल मानते हैं, इन्हीं चर्चाओं के कारण कई बार भारतीय जनता पार्टी में भी कशमकश रही है कि आखिर कौन सबसे महान है, योगी आदित्यनाथ, नरेंद्र मोदी या फिर अमित शाह।

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